![भारतीय राजव्यवस्था भाग 1: भारत का संवैधानिक विकास [Indian Polity Part I: Constitutional Development of India] भारतीय राजव्यवस्था भाग 1: भारत का संवैधानिक विकास [Indian Polity Part I: Constitutional Development of India]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg52MwrF93M3EV2QXUakUBf1e9CfbgGlggrRrXuSF9gTp_deVzcaxUjT0ZXKsfM3OycWLAZy6vuqisQPDTwKIuZ76NeWCOxUUkNjM-Mab02uuOQRUSh6itstJXDRZqe7geoP8DnRz7ErBoY/s200/12.jpeg)
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- 1784 पिट्स इंडिया एक्ट का गठन हुआ|
- 1833 के चार्टर एक्ट के तहत भारत में दास प्रथा गैरकानूनी घोषित कर दिया गया बंगाल का गवर्नर जनरल अब भारत का गवर्नर जनरल हो गया
- 1853 चार्टर एक्ट
- 1919 का भारतीय परिषद अधिनियम को मार्ले-मिंटो सुधार के नाम से भी जाना जाता है इसमें पहली बार मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचन की व्यवस्था की गई तथा केंद्रीय व प्रांतीय विधानसभा में निर्वाचित सदस्यों की संख्या को बढ़ा दिया गया और गवर्नर जनरल की परिषद में एक भारतीय (सत्येंद्र सिन्हा) को नियुक्त किया गया
- भारत शासन अधिनियम-1919 (जिसे मांटेग्यू चेम्सफोर्ड प्रतिवेदन भी कहते हैं) के पहली बार लागू होने के बाद 1922 में महात्मा गांधी ने कहा था कि भारतीय संविधान भारतीयों की इच्छानुसार होगा| 1923 ईस्वी में तेज बहादुर सप्रू की अध्यक्षता में ‘कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिया’ का प्रारूप तैयार किया गया|
- प्रांतों में द्वैध शासन की शुरुआत की गई
- केंद्रीय व्यवस्थापिका को द्विसदनीय केंद्रीय विधान परिषद (निम्न सदन) तथा राज्य परिषद (उच्च सदन) बना दिया गया| जिसमें निम्न सदन की सदस्य संख्या 145 तथा कार्यकाल 3 वर्ष और उच्च सदन की संख्या 60 तथा कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित किया गया|
- सभी विषयों को केंद्र राज्य व समवर्ती सूची में बांट दिया गया और समस्त कार्यों का संचालन गवर्नर जनरल ताज के प्रतिनिधि के रुप में करता था|
- प्रांतों में द्वैध शासन को समाप्त कर केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना की गई तथा संघीय न्यायालय (1935) तथा संघीय बैंक (1935) की स्थापना की गई|
- 1940 के अगस्त प्रस्ताव के तहत भारत के लिए डोमिनियन स्टेट को मुख्य लक्ष्य माना गया तथा युद्ध के बाद संविधान सभा के गठन का प्रस्ताव रखा गया|
- 1940 में मुस्लिम लीग ने प्रथम पृथक पाकिस्तान की मांग की तथा नेहरू ने संविधान सभा की मांग को मूर्त रूप प्रदान किया
- क्रिप्स मिशन 1942 में भारत आया, जिसमें देशी रियासतों तथा प्रांतों को मिलकर संघ बनाने की तथा भारतीय संविधान की रचना, निर्वाचित संविधान तथा सभा द्वारा कराए कराने की और राष्ट्रकुल में भारत को बराबरी की भागीदारी देने का प्रस्ताव रखा|
- 1946 के कैबिनेट मिशन के तहत निम्न प्रावधान थे एक भारतीय संघ का गठन और संविधान सभा का गठन किया जाएगा जिसमें 10 लाख की जनसंख्या पर एक प्रतिनिधि चुना जाएगा
- एटली (इंग्लैंड के निवर्तमान प्रधानमंत्री) घोषणा के अनुसार अंग्रेज सरकार 30 जून 1948 तक भारतीयों को सत्ता सौंप देगी तथा माउंटबेटन लॉर्ड वेवेल की जगह भारत के वायसराय नियुक्त किए गए|
- 11 दिसंबर 1946 को मुस्लिम लीग की अनुपस्थिति में संविधान सभा का गठन डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में कर दिया गया|
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